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अगस्त 14, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शेहला मसूद की हत्या एक शर्मनाक एवं कायर कृत्य है

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ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमारे देश में किसी सामाजिक कार्यकर्ता और खास करके किसी आर टी आई कार्यकर्ता पर जान लेवा हमला करके उसकी आवाज़ को जबरन दबाने का प्रयास किया गया हो। इतिहास हमें बताता है कि अन्याय , अत्याचार और शोषण पर आधारित हर देश और हर समाज में इस तरह की घटनाएँ आये दिन होती रहती हैं। पर शेहला मसूद की दिनदहाड़े की गयी हत्या कई मायनों में न सिर्फ हमारे यहाँ की इस भ्रष्ट , मनुष्य विरोधी और अत्याचारी व्यवस्था के असली चरित्र को पूरी तरह से बेनकाब करती है , बल्कि उन तमाम लोगों की मुंदी हुयी आँखों को खोलने के लिए एक ज़बरदस्त झटका भी है , जिनको लगता है कि हमारा देश प्रगति कर रहा है , हमारी अर्थव्यवस्था कुछ ही दिनों में दुनिया में नंबर दो के पायदान पर पहुँच जायेगी और अब हम पूरी तरह से विकसित व सभ्य हो गए हैं। शेहला मसूद की हत्या से बहुतों का यह भ्रम जाल तार - तार हो गया है। इस कायरता पूर्ण घटना से पहली बात तो यह साबित हो